सड़क दुर्घटना में लखनऊ के सैरपुर इंस्पेक्टर की मौत, भिठौली क्रासिंग के पास तेज रफ्तार ट्रक ने मारी टक्कर
सड़क दुर्घटना में लखनऊ के सैरपुर इंस्पेक्टर की मौत, भिठौली क्रासिंग के पास तेज रफ्तार ट्रक ने मारी ट
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में नए थाने उद्घाटन से पहले ही प्रभारी इंस्पेक्टर की एक सड़क हादसे में मौत हो गई. थाने का उद्घाटन सोमनार को होना था और इसके लिए इंस्पेक्टर तैयारियों में जुटे हुए थे. जानकारी के मुताबिक लखनऊ के नवसृजित थाना सैरपुर के उद्घाटन से पहले ही देर रात सड़क हादसे में प्रभारी इंस्पेक्टर डॉ संजय कुमार की मौत हो गई. संजय कुमार की मौत की खबर सुनकर पुलिस विभाग के आला अफसर अस्पताल पहुंचे.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 2001 बैच के इंस्पेक्टर संजय कुमार शनिवार रात निजी कार से कहीं जा रहे थे, तभी भिठौली क्रासिंग के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी कार में टक्कर मार दी. इस एक्सीडेंट में गंभीर हालत में उन्हें केजीएमयू ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. संजय कुमार थाने के उद्घाटन की तैयारियों में लगे हुए थे. डॉ संजय परिवार के साथ आशियाना की एल्डिको कॉलोनी में रहते थेऔर वह मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के हसनपुर के रहने वाले हैं. उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं. संजय कुमार की मौत की खबर सुनकर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर समेत अन्य पुलिस अधिकारी देर रात ट्रॉमा सेंटर पहुंचे.
असल में राज्य सरकार ने कुछ माह पहले मड़ियांव और काकोरी क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर सैरपुर थाने का गठन किया था. लेकिन चुनाव की व्यस्तता के कारण नए थाना परिसर का उद्घाटन नहीं हो सका. वहीं लखनऊ में चुनाव खत्म होने के बाद इसका उद्घाटन सोमवार को किया जाना था और पुलिस कमिश्नर को सोमवार को थाने का उद्घाटन करना था. वहीं डॉ संजय कुमार उद्घाटन में शामिल होने के लिए पुलिस अफसरों को व्यक्तिगत तौर पर आमंत्रित कर रहे थे.
लखनऊ के कृष्णानगर में स्थित मकान को कब्जे में लेने के लिए बदमाश फर्जी कागजातों से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद महिला को धमकाते हुए घर में घुस गए. आरोपियों ने महिला को तेजाब से नहलाकर जलाने की धमकी दी. आरोप है कि महिला पर हमला कर उसके कपड़े फाड़ दिए गए. इस मामले में पीड़िता ने कृष्णानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. पीड़िता का कहना है कि दबंग राम बाबू यादव ने महेश यादव की पत्नी मिथिलेश के नाम से मकान की रजिस्ट्री करवाई थी. इसके बाद उस घर को अपने नाम कर लिया. ये घर फर्जी रजिस्ट्री के जरिए लिया गया था और अब आरोपी फर्जी तरीके से की गई रजिस्ट्री दिखाकर मकान पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे और घर में घुसकर तेजाब से जलाने की धमकी देने लगे.